Indian Serial Killers भारत में सीरियल किलर्स की कहानियां बेहद दुर्लभ हैं, लेकिन जब भी किसी सीरियल किलर का नाम सामने आता है, वह पूरे समाज को हिला कर रख देता है। ये अपराधी अक्सर समाज में छिपे रहते हैं, सामान्य व्यक्ति की तरह दिखते हैं, लेकिन उनके अंदर छिपी खतरनाक मानसिकता उन्हें सामान्य लोगों से अलग बनाती है। भारत में कई ऐसे सीरियल किलर्स हुए हैं जिन्होंने बेहद क्रूर अपराध किए और अपने कुकर्मों से लोगों के दिलों में दहशत फैलाई। इस लेख में हम भारत के कुछ सबसे खतरनाक सीरियल किलर्स के बारे में चर्चा करेंगे, जिन्होंने अपने भयानक अपराधों से पूरे देश को स्तब्ध कर दिया।
1. रमन राघव (Raman Raghav)
रमन राघव, जिसे “साइको रमन” के नाम से भी जाना जाता है, भारत के सबसे कुख्यात सीरियल किलर्स में से एक था। 1960 के दशक में मुंबई (तब बंबई) में सक्रिय रमन राघव ने कई लोगों की जान ली। वह मुख्य रूप से गरीब और बेघर लोगों को अपना शिकार बनाता था, जिन्हें वह रात में सोते समय पत्थरों या लोहे की रॉड से मार देता था।
रमन राघव की अपराध प्रवृत्ति बेहद विचित्र और क्रूर थी। उसने मुंबई की झुग्गी–बस्तियों में रहने वाले गरीब लोगों को अपना शिकार बनाया। उसने अपने पीड़ितों को रात में सोते समय मार डाला, जिससे पुलिस के लिए उसे पकड़ना बेहद मुश्किल हो गया।
पुलिस ने जब राघव को पकड़ा, तो उसने 40 से अधिक हत्याओं की बात कबूल की। हालांकि, पुलिस ने 23 हत्याओं की पुष्टि की। उसकी मानसिक स्थिति का अध्ययन करने पर यह पाया गया कि वह एक साइकोपैथ था, जो बिना किसी कारण के हत्याएं करता था।
1969 में, रमन राघव को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे मौत की सजा सुनाई गई। लेकिन उसकी मानसिक स्थिति को देखते हुए अदालत ने उसकी सजा को उम्रकैद में बदल दिया।
2. अमरजीत सदा (Amarjeet Sada)
अमरजीत सदा का नाम सुनते ही रोंगटे खड़े हो जाते हैं। बिहार के बेगूसराय जिले से ताल्लुक रखने वाले इस बच्चे ने मात्र 8 साल की उम्र में तीन हत्याएं की थीं। उसकी उम्र को देखते हुए यह मामला बेहद चौंकाने वाला था।
अमरजीत सदा की पहली हत्या उसकी 6 महीने की बहन की थी। इसके बाद उसने अपनी चचेरी बहन की हत्या की, जो केवल 8 महीने की थी। लेकिन जब उसने अपनी पड़ोसन की 6 महीने की बच्ची की हत्या की, तो मामला पुलिस के सामने आ गया।
पुलिस ने जब अमरजीत से पूछताछ की, तो उसने बिना किसी पछतावे के सारी हत्याएं कबूल कर लीं। उसकी मानसिक स्थिति का अध्ययन करने पर पता चला कि वह किसी गंभीर मानसिक विकार से पीड़ित था।
अमरजीत की उम्र को देखते हुए उसे सुधार गृह भेजा गया। भारतीय कानून के तहत 18 साल से कम उम्र के अपराधियों को सुधारने का प्रयास किया जाता है, और उन्हें जेल नहीं भेजा जाता।
3. कूंदरन सरवनन (Koodankulam Saravanan)
कूंदरन सरवनन एक सीरियल किलर था जो तमिलनाडु में सक्रिय था। उसने 2008 से 2010 के बीच कई महिलाओं की हत्या की। वह अपने शिकारों को विश्वास में लेकर उनसे दोस्ती करता था, फिर उन्हें धोखा देकर उनकी हत्या कर देता था।
सरवनन ने मुख्य रूप से गरीब और कमजोर महिलाओं को अपना शिकार बनाया। वह उन्हें शादी का झांसा देता था, और फिर उनसे उनके गहने और पैसे लेकर उनकी हत्या कर देता था। उसकी हत्याएं बेहद योजनाबद्ध और क्रूर थीं।
पुलिस के अनुसार, सरवनन ने 8 से अधिक महिलाओं की हत्या की थी। उसने हर बार अलग-अलग नाम और पहचान का इस्तेमाल किया, जिससे पुलिस के लिए उसे पकड़ना मुश्किल हो गया।आखिरकार पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और उसे कई हत्याओं के लिए दोषी ठहराया गया। उसे मौत की सजा सुनाई गई।
4. मोहन कुमार (Mohan Kumar)
मोहन कुमार, जिसे “साइनााइड मोहन” के नाम से भी जाना जाता है, एक कुख्यात सीरियल किलर था जो कर्नाटक में सक्रिय था। उसने 2005 से 2009 के बीच 20 से अधिक महिलाओं की हत्या की।
मोहन कुमार अपने शिकारों को शादी का झांसा देकर उन्हें धोखा देता था। वह उन्हें शादी के बाद गर्भनिरोधक गोली देने के बहाने साइनााइड की गोली देता था, जिससे उनकी मौत हो जाती थी।
कुमार का तरीका बेहद सुनियोजित था। वह अपने शिकारों को उस जगह लेकर जाता था, जहां कोई भी उनकी मदद के लिए नहीं आ सकता था। महिलाओं की मौत के बाद, वह उनके पैसे और गहने लेकर फरार हो जाता था।
पुलिस ने जब जांच की, तो उसे कई महिलाओं की हत्याओं का दोषी पाया गया। 2013 में, उसे मौत की सजा सुनाई गई।
5. नयनती राणा (Nayani Ranaa)
नयनती राणा एक महिला सीरियल किलर थी, जिसने 2007 में उत्तर प्रदेश में कई बच्चों की हत्या की। राणा का मुख्य उद्देश्य बच्चों का अपहरण कर उन्हें मार डालना था।
राणा ने अपने अपराधों को बड़ी चतुराई से अंजाम दिया। वह बच्चों को मिठाई या खिलौनों का लालच देकर उन्हें अपने जाल में फंसा लेती थी। इसके बाद वह उनका अपहरण कर उन्हें मार डालती थी।
राणा ने 10 से अधिक बच्चों की हत्या की थी, और उसकी अपराध प्रवृत्ति ने पूरे उत्तर प्रदेश में दहशत फैला दी थी।
आखिरकार पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और उसे बच्चों की हत्या के लिए दोषी ठहराया गया। उसे उम्रकैद की सजा सुनाई गई।
6. “स्टोनमैन” (Stoneman)
“स्टोनमैन” एक अनजान सीरियल किलर था, जिसने 1989 में कोलकाता में कई लोगों की हत्या की। उसकी पहचान कभी नहीं हो पाई, लेकिन उसने अपने शिकारों को पत्थर से मारकर हत्या की।
स्टोनमैन ने मुख्य रूप से बेघर लोगों को अपना शिकार बनाया। वह रात में सोते समय पत्थरों से उनकी हत्या कर देता था। पुलिस ने कई महीनों तक उसकी तलाश की, लेकिन उसकी पहचान कभी नहीं हो पाई।स्टोनमैन का कभी पता नहीं चल सका और वह आज भी एक रहस्य बना हुआ है। उसकी हत्याएं पुलिस के लिए एक अनसुलझी पहेली बन गई हैं।
7. थुग बहरा (Thug Behram)
थुग बहरा 18वीं शताब्दी का एक कुख्यात सीरियल किलर था, जिसने ब्रिटिश काल के दौरान भारत में कई हत्याएं कीं। वह “ठग” समुदाय से ताल्लुक रखता था, जो यात्रियों को लूटने और उनकी हत्या करने के लिए कुख्यात था।
थुग बहरा ने अकेले ही 931 हत्याओं का दावा किया था। वह अपने शिकारों का गला घोंटकर उनकी हत्या करता था। उसकी हत्याएं इतनी क्रूर और संगठित होती थीं कि ब्रिटिश सरकार को उसे पकड़ने के लिए एक विशेष अभियान चलाना पड़ा।अंततः थुग बहरा को गिरफ्तार कर लिया गया और उसे फांसी दी गई। उसकी हत्याएं भारत के इतिहास में सबसे क्रूर अपराधों में से एक मानी जाती हैं।
8. मनिंदर सिंह पांधी और सुरिंदर कोली
नोएडा के निठारी कांड में शामिल मनिंदर सिंह पांधी और सुरिंदर कोली ने 2006 में कई बच्चों और महिलाओं की हत्या की थी। इस मामले ने पूरे भारत को हिला कर रख दिया था।
पांधी और कोली ने बच्चों का अपहरण किया, उन्हें अपने घर ले जाकर उनकी हत्या की और उनके शवों को अपने घर के पीछे दफना दिया। उन्होंने कई बच्चों के साथ यौन शोषण भी किया।
पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और कोली को कई हत्याओं के लिए दोषी ठहराया गया। उसे मौत की सजा सुनाई गई, जबकि पांधी को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया।
9. संतोष सिंह (Santosh Singh)
संतोष सिंह एक सीरियल किलर था जिसने दिल्ली में कई महिलाओं की हत्या की। उसने अपने शिकारों का यौन शोषण किया और फिर उनकी हत्या कर दी।
संतोष सिंह ने मुख्य रूप से उन महिलाओं को निशाना बनाया जो अकेली यात्रा कर रही होती थीं। उसने कई महिलाओं के साथ बलात्कार किया और फिर उन्हें मार डाला।आखिरकार पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और उसे कई हत्याओं के लिए दोषी ठहराया गया।
भारत में सीरियल किलर की घटनाएं आम नहीं हैं, लेकिन जब भी कोई ऐसी घटना सामने आती है, वह पूरे देश को हिला कर रख देती है। इन अपराधियों की मानसिक स्थिति, उनकी क्रूरता और उनके अपराध करने के तरीके समाज को दहशत में डाल देते हैं।
इन सीरियल किलर्स के मामलों ने भारतीय न्याय प्रणाली, पुलिस व्यवस्था और समाज को यह सोचने पर मजबूर किया है कि कैसे इन अपराधों को रोका जा सकता है। इन अपराधों से यह भी पता चलता है कि मानसिक विकार और सामाजिक परिस्थितियां किसी व्यक्ति को किस हद तक ले जा सकती हैं।
समाज के लिए यह आवश्यक है कि वह मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान दे, ताकि भविष्य में इस तरह के अपराधों को रोका जा सके। पुलिस और कानून व्यवस्था को भी ऐसे मामलों के प्रति सतर्क रहना होगा ताकि किसी भी संभावित सीरियल किलर को समय रहते रोका जा सके।
भारत के ये सीरियल किलर्स अपनी क्रूरता के लिए हमेशा याद किए जाएंगे, और उनके अपराधों की कहानियां समाज के लिए एक चेतावनी हैं।