Crime Patrol कर्नाटक उच्च न्यायालय की धारवाड़ पीठ ने बुधवार को प्रवीण सुब्रमण्य भट को बरी कर दिया, जिन्हें बेलगाम के दूसरे अतिरिक्त जिला न्यायालय द्वारा तिहरे हत्याकांड के मामले में दोषी ठहराया गया था। प्रवीण सुब्रमण्य भट पर 16 अगस्त, 2015 को बेलगाम के कुवेम्पु नगर में अपने निवास (Crime Patrol)पर एक महिला-रीना राकेश मालगट्टी और उसके दो बच्चों आदित्य और साहित्य की हत्या का आरोप था। हत्या के 12 घंटे के भीतर, बेलगाम में एपीएमसी पुलिस ने प्रवीण को गिरफ्तार कर लिया था, जो चार्टर्ड अकाउंटेंट का कोर्स कर रहा था। वह रीना का पड़ोसी भी था।(Crime Patrol)

(Crime Patrol)

दूसरे अतिरिक्त जिला न्यायाधीश, बेलगाम ने 16 अप्रैल, 2018 को आदेश पारित कर प्रवीण को दोषी ठहराया था और उसे 10000 रुपये के जुर्माने के अलावा (Crime Patrol)आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 21 जून (मंगलवार) को जस्टिस के एस मुदगल और एम जी एस कमल की दो जजों की बेंच ने प्रवीण भट को उनके खिलाफ सबूतों के अभाव का हवाला देते हुए बरी कर दिया। प्रवीण भट के वकील प्रवीण करोशी ने कहा कि जिला अदालत में अभियोजन पक्ष ने परिवार के सदस्यों के परिस्थितिजन्य साक्ष्य, टेलीफोन कॉल रिकॉर्ड और विशेषज्ञ साक्ष्य पर बहुत भरोसा किया था। (Crime Patrol)

Crime Patrol – Jarurat -Episode 694 – 7th August, 2016,Real Case

ट्रायल कोर्ट ने प्रवीण को दोषी ठहराया था और कहा था कि अभियोजन पक्ष ने परिस्थितियों की श्रृंखला में सभी कड़ियों को साबित कर दिया है। लेकिन हाईकोर्ट की बेंच ने माना है कि अभियोजन पक्ष परिस्थितियों की श्रृंखला में सभी कड़ियों को साबित करने में विफल रहा है और प्रवीण भट को(Crime Patrol) बरी कर दिया।

प्रवीण 2018 में हिंडालगा सेंट्रल जेल में था और अब रिहा हो गया है। अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि प्रवीण ने रीना (अपने प्रेम संबंध) की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी और बाद में रीना के दो बच्चों को बाल्टी में डुबो दिया उसने कथित तौर पर पुलिस को बताया था कि वह इस रिश्ते से तंग आ चुका था लेकिन रीना उसे रिश्ता जारी रखने के लिए ब्लैकमेल कर रही थी।(Crime Patrol)

Crime Patrol – Jarurat -Episode 694 – 7th August, 2016,Real Case

अभियोजन पक्ष ने आरोप लगाया था कि प्रवीण 16 अगस्त, 2015 को सुबह 3 बजे रीना के घर में घुसा और चाकू से रीना का गला काट दिया और फिर दोनों बच्चों को बाल्टी में डुबो दिया।(Crime Patrol) एपीएमसी पुलिस ने प्रवीण भट के खिलाफ धारा 302 (हत्या के लिए सजा) और 201 आईपीसी (अपराध के सबूतों को गायब करना, या अपराधी को छिपाने के लिए झूठी जानकारी देना) के तहत मामला दर्ज किया था।