Crime Patrol Molvi Had Affair With Maid. He Killed Her For Being Pregnant!
Crime Patrol Molvi Had Affair With Maid. He Killed Her For Being Pregnant!
मुंबई महानगर से सटा हुआ मुमरा टाउन इस समय मुंबरा की आबादी 12 लाख के आसपास है, जिसमें 90% लोग मुस्लिम कम्युनिटी से आते हैं। 1975 तक मुंबरा एक खेत-खलियान से भरा हुआ इलाका हुआ करता था, मगर 1968 और 1975 के बीच लोग यहां आकर बसना शुरू हो गए, और उसका मुख्य कारण था बंबई या मुंबई की बढ़ती हुई आबादी। 1991 के समय में इस इलाके की आबादी सिर्फ 44,000 थी, मगर 1992 के दंगों के बाद बड़ी मात्रा में मुस्लिम्स बंबई से मुमरा आकर बस गए।
दंगों की वजह से स्टेट गवर्नमेंट की तरफ से इन लोगों को एक मील की जमीन भी बसने के लिए महिया कराई गई थी, जिसकी जिम्मेदारी वक्फ बोर्ड ने ली थी। आज के समय में मुमरा देश का सबसे बड़ा मुस्लिम इलाका है। मुमरा में मिडिल क्लास, लोअर क्लास और वर्किंग क्लास के मुस्लिम्स रहते हैं।(Crime Patrol)
कहानी है इसी कौसा मुमरा के राशित कंपाउंड में रहने वाले मौलाना अब्दुल कादरी की, जो कि कंपाउंड की मिलन बिल्डिंग के चौथे फ्लोर पर फ्लैट नंबर 401 में रहता था। 42 साल का मौलाना अब्दुल कादरी मुमरा बम्बे के एक मध्य वर्ग के सबसे बड़े सुन्नी मस्जिद का पेशी इमाम यानी कि लीडर था। कादरी, जो कि पूरे पाक कुरान की 6666 आयतें और पाक नबी मोहम्मद के करीब 7000 उपदेशों को मौखिक रूप से याद कर चुका था, वह उसी इलाके की मस्जिद अशरफिया में पांच वक्त का नमाजी भी था। उसका गांव आजमगढ़, उत्तर प्रदेश में था, जहां उसकी पत्नी और बच्चे रहते थे।
कादरी कौसा के इस अपार्टमेंट में अकेला रहता था। चूंकि कादरी इस अपार्टमेंट में अकेला रहता था, इसलिए उसके शिष्यों ने उसके घर में कामकाज के लिए एक कामवाली का इंतजाम कर दिया था।(Crime Patrol)
इस कामवाली का नाम रजिया उर्फ रजमी हनन था, जो कि बेसिकली कर्नाटका की रहने वाली थी, मगर हिंदी अच्छे से समझ और बोल लेती थी। रजिया मौलाना के घर में दिन में दो बार काम करने के लिए आती थी। रजिया का काम था मौलाना कादरी के कपड़े धोना, खाना बनाना और घर की साफ-सफाई। वह दिन का कुछ समय मेहनत मजदूरी करती थी और बाकी सारा समय कादरी के यहां काम करते हुए बिताती थी, और रात 10-11 बजे तक कादरी के यहां से फ्री हो पाती थी। कादरी 24 साल की रजिया को हर शाम कुरान भी पढ़ाता था।(Crime Patrol)
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रजिया का रोज उसके घर में काम करना धीरे-धीरे कादरी को के करीब लाने लगा। कादरी ने उस पर अपनापन दिखाना शुरू कर दिया, जिससे कि रजिया उसके और भी करीब आ गई और धीरे-धीरे वह कादरी के प्यार के जाल में फंस गई। अब इन दोनों के बीच की जिस्मानी दीवार भी गिर गई थी। रजिया कादरी के प्यार में पड़ चुकी थी, मगर उसको यह अंदाजा नहीं था कि कादरी उसके माध्यम से सिर्फ अपनी जिस्मानी जरूरतों को पूरी कर रहा है।
इन दोनों के बीच यह जिस्मानी रिश्ता महीनों तक चला। इसी बीच फरवरी 1999 में रजिया अपने घर कर्नाटक चली गई, और वहां से वापस आने के बाद मार्च की उस शाम रजिया ने कादरी को कुछ बताकर जैसे उसके ऊपर बम ही गिरा दिया।(Crime Patrol)
रजिया ने बताया कि वह संभवत: पेट से है, क्योंकि पिछले दो महीने से उसके पीरियड्स मिस हो रहे हैं। इसके कुछ दिन बाद यह कंफर्म भी हो गया कि हां, रजिया सच में पेट से है। जब कादरी ने उसको बच्चा गिराने की सलाह दी, तो रजिया ने साफ मना कर दिया। वह ना सिर्फ यह बच्चा रखना चाहती थी, बल्कि कादरी से शादी भी करना चाहती थी।
मौलाना कादरी के लिए इस बात पर राजी होना नामुमकिन था कि वह एक नौकरानी तबके की लड़की से शादी कर ले। वह रजिया को फोर्स करता रहा कि वह बच्चा गिरा दे और उसकी रंगत बंद कर दे, क्योंकि यह शादी तो नामुमकिन है।
रजिया मौलाना कादरी के इस बर्ताव से हैरान थी। उसने मौलाना कादरी को बोला कि वह इस बच्चे को मौलाना कादरी का नाम भी देगी और सबको बताएगी कि यह उसका बच्चा है। ऐसा होने के बाद मौलाना कादरी ने रजिया से यह कहना शुरू कर दिया कि वह उससे शादी करेगा, मगर दिन पर दिन यह बात टलती रही।
कादरी यह सोच-सोचकर नफरत की आग में जल रहा था कि एक नौकरानी तबके की लड़की उसको धमकी दे रही है, और वह सोच रहा था कि वह कैसे रजिया से छुटकारा पा सकता है।(Crime Patrol)
बकरीद का समय आ रहा था और साथ ही में कादरी के मन में कुछ घूम रहा था। कादरी ने यह तय किया कि एक दिन मौका निकालकर वह रजिया को मारेगा और फिर उसके शव को ठिकाने लगा देगा। इंस्पेक्टर काशीराम कचरे ने पूरे मामले का खुलासा करते हुए बताया कि कादरी ने रजिया को 14 मार्च 1999 को गला दबाकर मार डाला, और उसके बाद एक धारदार चाकू से उसके शरीर के टुकड़े किए।
टुकड़े करने के लिए उसने पहले रजिया के सिर और धड़ को अलग-अलग करके काट दिया, और उसके बाद उसके हाथ और पैर काटकर उनके भी छोटे-छोटे 20 टुकड़े किए।(Crime Patrol)
कादरी को ऐसा करने में 5 घंटे का समय लगा। उसने काफी हद तक हड्डी और मांस को भी अलग-अलग कर दिया था। इतना सब करने के बाद उसने धड़ और सिर को अपने फ्रिज में रख दिया और उन 20 टुकड़ों को थोड़ा-थोड़ा करके टॉयलेट में बहाना शुरू कर दिया। तीन दिन तक टुकड़ों को बहाने के बाद अब कादरी के पास रजिया का धड़ और सिर बचा था। सिर को उसने पास के एक नाले में फेंक दिया और धड़ को कौसा के डार्लिंग पंप के पास एक बंजर खेत में दफन कर दिया।(Crime Patrol)
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चार दिन बीत जाने के बाद तक लोगों को रजिया के गायब होने का कोई पता नहीं चला। मगर मामले का खुलासा तब हुआ जब 18 मार्च के दिन मुमरा पुलिस को कौसा के रहने वाले काशीराम चौधरी का फोन आया, और उसने पुलिस को बताया कि उसके खेत में एक लाश दफन की गई है, और उसको यह शक है कि लाश किसी जानवर की नहीं, बल्कि इंसान की है। पुलिस ने भी मुआयना करने के बाद यह कंफर्म किया कि हां, यह शव इंसान का ही है।(Crime Patrol)
मुमरा पुलिस के सीनियर इंस्पेक्टर जनार्दन गरजे का कहना था कि शव का लिंक पता करना मुश्किल काम था, क्योंकि शव का नीचे का पार्ट ही मिसिंग था। मगर इसी इलाके में विक्टिम का पेटीकोट, ब्लाउज और साड़ी भी मिला, जिससे कि यह कयास लगाया गया कि विक्टिम एक महिला थी। मगर पुलिस के लिए अब भी एक सवाल था कि यह शव है किसका? 20 मार्च को पुलिस के संज्ञान में एक और वारदात आई, जिसके बाद तार से तार जोड़े जा सके।(Crime Patrol)
असल में राशित कंपाउंड से ही यह खबर आई कि वहां की सीवर लाइन में एक प्लंबर को मरम्मत करते समय मांस के टुकड़े मिले थे।
पहले तो लोगों ने यह सोचकर इग्नोर कर दिया कि हो सकता है यह बीफ या मटन हो, मगर खबर के और फैल जाने के बाद यह तय किया गया कि उस खेत में मिला शव और टुकड़े हो सकता है एक ही इंसान के हो। मोहम्मद अहमद शेख, एक सफाई वाला, जो कि उसी कॉम्प्लेक्स की बिल्डिंग के फ्लैट नंबर 101, 201, 301 और 401 का ड्रेनेज पाइप चोक होने की कंप्लेंट आई थी, और इसी के अनुसार जब ड्रेनेज की सफाई करना शुरू की तो दो-तीन किलो मांस के टुकड़े उसमें फंसे हुए मिले। यह पुलिस के लिए पहला ब्रेकथ्रू था।(Crime Patrol)
पुलिस ने मिसिंग लोगों की कंप्लेंट छानना शुरू किया, तो उनको 26 मार्च को दर्ज की गई एक रिपोर्ट मिली, जिसमें रजिया नाम की एक कामवाली के मिसिंग होने का जिक्र था, और यह कंप्लेंट रजिया की मां खजा हुसैन शेख ने लिखवाई थी। यह उसी रजिया की मिसिंग कंप्लेंट थी, जो कि सोसाइटी में काम करती थी, जहां के प्लंबर को मांस के टुकड़े मिले थे।
उसकी मां ने रजिया के अवशेषों में से उसके बाएं पैर के अंगूठे पर बने एक निशान से सबकी शिनाख्त की। पुलिस ने जब जांच करनी शुरू की, तो उसको यह मालूम चला कि फ्लैट नंबर 401 के मौलाना अब्दुल कादरी के घर से वह मांस के टुकड़े बहाए गए थे। पुलिस ने मौलाना कादरी को हिरासत में ले लिया और सख्ती से पूछताछ करने पर उसने सब कुछ उगल दिया।(Crime Patrol)
कादरी को पुलिस ने IPC की धारा 302 के तहत गिरफ्तार किया। जब पुलिस ने कादरी के घर की जांच की, तो पुलिस को एक और बात पता चली कि कादरी यह कत्ल शेख के यहां से खरीदे गए धारदार चाकू से किया था। पुलिस को उस चाकू का हैंडल भी किचन से मिला। इतना ही नहीं, रजिया के कातिल कादरी ने उसके कत्ल को छुपाने के लिए उसका शव चार दिनों तक अपने घर में रखा था और शव से आने वाली बदबू से बचने के लिए उसने अपने घर में अगरबत्ती, परफ्यूम और पाउडर का छिड़काव किया था।
पुलिस ने बताया कि कादरी ने जो भी जुर्म किया था, वह इसलिए नहीं कि उसने पहले कभी कत्ल किया था, बल्कि इस घटना के बाद उसने सारे सुबूत मिटाने के लिए ऐसा किया।(Crime Patrol)
मामले की सुनवाई 2002 में हुई और कोर्ट ने कादरी को उम्रकैद की सजा सुनाई। कादरी को चार बार पैरोल पर रिहा भी किया गया था, मगर उसने हर बार कोई ना कोई जुर्म कर दिया और उसको वापस जेल भेज दिया गया। साल 2013 में कादरी की मौत हो गई, जब वह अभी भी जेल में था(Crime Patrol)